Cyrus mistry को Tata Sons के चेयरमैन पद से हटाना सही था! जानिए क्या हुआ सुप्रीम फैसला
टाटा संस (Tata Sons) और साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के बीच चल रही कानूनी लड़ाई का फैसला आ गया है. कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
कोर्ट ने 17 दिसंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था. (Reuters)
कोर्ट ने 17 दिसंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था. (Reuters)
टाटा संस (Tata Sons) और साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के बीच चल रही कानूनी लड़ाई का फैसला आ गया है. कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाने के कदम को सही माना लेकिन साथ ही कहा कि शेयर से जुड़े मामले को टाटा और मिस्त्री दोनों ग्रुप मिलकर सुलझाएं. कोर्ट ने 17 दिसंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
टाटा संस प्राइवेट लि. और साइरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लि. ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के फैसले के खिलाफ क्रॉस अपील दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया. NCLAT ने अपने आदेश में 100 अरब डॉलर के टाटा समूह में साइरस मिस्त्री मिस्त्री को कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल कर दिया था.
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीते साल 17 दिसंबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था. शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह ने 17 दिसंबर को न्यायालय से कहा था कि अक्टूबर, 2016 को हुई बोर्ड की बैठक में मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाना ‘खूनी खेल’ और ‘घात’ लगाकर किया गया हमला था. यह कंपनी संचालन के सिद्धान्तों के खिलाफ था. वहीं टाटा समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी गलत नहीं था और बोर्ड ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए मिस्त्री को पद से हटाया था.
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रतन टाटा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा हार-जीत का नहीं है बल्कि फैसले में Tata Sons की अपील को ऊपर रखा गया है. मेरी अखंडता पर सवाल उठाया गया था. हमारी ज्यूडीशियरी ने सही फैसला किया है.
RoC को दिया निर्देश
ट्रिब्यूनल ने एक पब्लिक कंपनी से प्राइवेट के रूप में कंपनी के बदलाव को भी अवैध माना था और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) को फिर से टाटा कंपनी को पब्लिक रूप से मान्यता देने के लिए कहा था.
2016 में हटाया गया
वर्ष 2012 में वह टाटा समूह के छठे अध्यक्ष नियुक्त हुए थे और 24 अक्टूबर, 2016 को उन्हें पद से हटा दिया गया था. रतन टाटा द्वारा अपने रिटायरमेंट के ऐलान के बाद मिस्त्री ने अध्यक्ष का पद संभाला था.
NCLT गई थी कंपनी
परिवार द्वारा संचालित दो कंपनियों -साइरस इन्वेस्टमेंट्स और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प- के जरिए मिस्त्री ने इस फैसले के लिए टाटा संस और अन्य के खिलाफ मुंबई स्थित नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLT) का रुख किया था.
2017 में चंद्रशेखरन बने अध्यक्ष
20 फरवरी, 2017 को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का नेतृत्व कर रहे नटराजन चंद्रशेखरन ने टाटा संस के अध्यक्ष का प्रभार लिया. लेकिन इस फैसले को एनसीएलएटी ने गैर-कानूनी करार दिया.
मिस्त्री का परिवार सबसे बड़ा शेयरहोल्डर
मिस्त्री का परिवार 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अकेले टाटा संस में सबसे बड़ा शेयरधारक है. टाटा संस ने 2017 में पब्लिक कंपनी से प्राइवेट के रूप में बदलने का फैसला किया था, जिसके तहत शेयरधारक अपने शेयरों का ट्रेड नहीं कर सकते हैं. मिस्त्री के परिवार ने इस फैसले का विरोध किया था.
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01:42 PM IST